नई दिल्ली : बॉलीवुड का चलन काफी निराला है। इस ग्लैमर की दुनिया में ऐसा काम ही देखने को मिलता है कि दो सग्गी बहनें फिल्मों में सफल रही है। एक का करियर बुलेट ट्रेन की रफ्तार से दौड़ता है, तो दूसरे को उसकी छांव तले बस एक नाम बनकर रह जाता है। फिर चाहे हम शमिता-शिल्पा बात कहें या फिर कृति सेनन और नूपुर सेनन की स्थिति को ही देख ले। ऐसी ही बहनों की जोड़ी ने 70 और 80 के दशक में फिल्मों में अपनी किस्मत आजमाई। रीना रॉय ही नहीं उनकी बहन भी फिल्मों में किस्मत आजमाने आई थीं। हालांकि उन्हें बॉलीवुड में वह सफलता नहीं मिली, जो मदहोश अभिनेत्री को मिली। अब वह कहां है और क्या कर रही हैं। रीना रॉय ने जहां 1972 में विजय अरोड़ा स्टारर फिल्म जरुरत से अभिनय की दुनिया में कदम रखा था, तो वहीं उनकी बहन बरखा रॉय ने साल 1982 में रिलीज हुई फिल्म सनम तेरी कसम से अपनी शुरुआत की थी। दोनों बहनों के कैरियर में बस फर्क ये था कि एक अभिनय कर पैसे लेती थीं और दूसरी फिल्मों पर पैसा लगाती थीं। बरखा रॉय ने निर्माता बनकर बॉलीवुड में अपनी शुरुआत की थी। उनकी पहली ही फिल्म सनम तेरी कसम की कहानी कादर खान ने लिखी थी। फिल्म में कमल हासन, बहन रीना रॉय और जगदीप ने काम किया था। फिल्म का संगीत आरडी बर्मन ने दिया था, जिसके लिए उन्हें पहला फिल्मफेयर पुरस्कार भी मिला था। 14 मई 1982 को रिलीज हुई ये फिल्म बॉक्स ऑफिस पर सुपरहिट हुई थी। सनम तेरी कसम की सफलता के बाद उन्होंने 1984 में फिल्म करिश्मा बनाई, जिसमें कमल हासन और रीना रॉय की जोड़ी फिर दिखी। इस फिल्म में टीना मुनीम ने भी अभिनय किया था। फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर ठीक ठाक प्रदर्शन किया। इसके अलावा उन्होंने 2000 में शो इना-मीना-डीका का निर्माण किया और उनका 2020 में ग्रीन कमांडो ऑफ इंडिया आया। रीना रॉय के बहन को उनकी फिल्म माय फ्रेंड हुसैन के लिए सैनफ्रांसिस्को ग्लोबल फेस्ट में दो अवॉर्ड भी मिले थे और साथ ही 10000 डॉलर भी, जिन्हें उन्होंने एनजीओ को दे दिए थे। बरखा ने बॉलीवुड के विलेन रहे अभिनेता महेश आनंद से शादी की थी, लेकिन उनका तलाक हो गया था। जिसके बाद उन्होंने दूसरी शादी सरोज खान के बेटे राजू खान से की। बहन रीना की तरह ही अब बरखा भी बॉलीवुड की चकाचौंध से दूर है।
